आपका दिल दुखाने से पहले, मेरा दिल दुखता है पापा...
मगर हर बार आपके सम्मान में, मेरा सर झुकता है पापा...
मुझे मालूम है जिन्दगी की पटरी पर मेरी चाल धीरे है...
पर मेरे लिए कामयाबी की कुछ अलग ही तस्वीरे है...
आपसे कुछ कंहू, ना कंहू, मेरे चेहरे से सबकुछ तो दिखता है पापा...
आपका दिल दुखाने से पहले, मेरा दिल दुखता है पापा...
माना मैंने अपने जीवन में सबकुछ अपने मन का किया...
मेरा मन भी आपका है, आपने ही मुझे ये जीवन दिया...
मै हर बार आपका दर्द समझता हूँ पापा...
आपके विचारो को सर आँखों पर रखता हूँ पापा...
मेरी मंजिल, मेरी राहों में आप ही तो मेरे साथ हो..
आप ही हो मेरे आदर्श, आप ही मेरे जस्बात हो..
मेरी आँखों में आपका ही प्यार झलकता है पापा..
आपके सम्मान में, मेरा सर हर बार झुकता है पापा...
✍️ नरेन्द्र मालवीय
क्या कहू!! दिल को छु गयी यह कविता
ReplyDeleteThanks madam
DeleteKya bat
ReplyDeleteGreat attitude !
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