तुम हो गोविंद पालन हारे।
जग को तारे मोहे काहे नहीं तारे।।
राह निहारू निस दिन तेरी।
आने में श्याम काहे करे देरी।।
फूल मुरझाए मथुरा के सारे।
जग को तारे मोहे काहे नहीं तारे।।
अब काहे नहीं माखन चुराए।
काहे नहीं गोपियन को सताए।।
अश्रु बहावत नैन हमारे।
जग को तारे मोहे काहे नहीं तारे।।
तुम ही कालिया नाग को तारो।
तुम ही दुष्ट कंस को मारो।।
आस लगाए हैं भक्त तिहारे।
जग को तारे मोहे काहे नहीं तारे।।
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तुम हो गोविंद पालन हारे।
जग को तारे मोहे काहे नहीं तारे।।
✍️ नरेन्द्र मालवीय
BHT hi shaandaar ✍️👏👏👏👏👏👏👌
ReplyDeleteThanks 😊
ReplyDeleteKya baat
ReplyDeleteThank you very much
DeleteThanks
ReplyDeleteJay krishna
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