कई दिनों बाद थोड़ी फुरसत तो मिली
अपनों के संग रहने कि हसरत तो मिली
ना दिन का पता होता था ना रात का
वक़्त कहां था अपनो से मुलाकात का
देख नहीं पाते थे घर की छत कभी
आज उन्हीं छत पर दुनियादारी से राहत तो मिली
कई दिनों बाद थोड़ी फुरसत तो मिली
अपनों के संग रहने कि हसरत तो मिली
भूल गए थे होता क्या है चिड़ियों का चेह चहचहाना
भूल गए थे परिवार संग हसना ओर हसाना
शुद्ध हवा, शुद्ध पानी, मिलीं शाम सुहानी
हर सुबह गुनगुनी धूप की चाहत तो मिली
कई दिनों बाद थोड़ी फुरसत तो मिली
अपनों के संग रहने कि हसरत तो मिली
कोरॉना अभिशाप है तो वरदान भी है
परेशानी के साथ साथ मुस्कान भी है
ज़िन्दगी ज़िंदादिली का ही नाम है
जितनी मिली ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत मिली.
कई दिनों बाद थोड़ी फुरसत तो मिली
अपनों के संग रहने कि हसरत तो मिली
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