शायरी:
किसी का छीन गया बचपन किसी की दुनिया रूठ गई
बड़ गई का लाखो धड़कने लाखों सांसे टूट गई
एक छोटे वायरस से सारी दुनिया हिल गई
हम हिम्मत कभी ना हारेंगे, नई दुनिया फिर से सवारेगे
क्यूंकि........
गीत:
साहस से बेघर चिड़ियों का घोसला बन जाता है
जब आती है मुसीबत तो हौसला बड़ जाता है
हौसला बड़ जाता है.. हौसला बड़ जाता है.. हौसला बड़ जाता है
जब आती है मुसीबत तो हौसला बड़ जाता है
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छोटे छोटे पैर, जब तिनके तिनके बुनते है
साहस से हम अपनी मंजिल की राहें चुनते है
साहस से मल्लहार भी तुफां से लड़ जाता है
जब आती है मुसीबत तो हौसला बड़ जाता है
साहस से बेघर चिड़ियों का घोसला बन जाता है
जब आती है मुसीबत तो हौसला बड़ जाता है
देखो कमल के फूल को जों कीचड़ में ही खिलते है
संकट से ही जूझकर हमें नए रास्ते मिलते है
बस जाता वो गाव फिर, जों बाढ़ में उजड़ जाता
जब आती है मुसीबत तो हौसला बड़ जाता है
हौसला बड़ जाता है.. हौसला बड़ जाता है.. हौसला बड़ जाता है
जब आती है मुसीबत तो हौसला बड़ जाता है
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✍️ नरेन्द्र मालवीय
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