इम्तिहान समझकर
सारे दुख सहा कर ए दिल
शख़्सियत महक उठेगी
बस खुश रहा कर ए दिल
और देख कोई रूठा तो
तकलीफ तेरी भी बढ़ेगी
इसलिए ज्यादा जज्बातों
में ना बहा कर ए दिल
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तुझको पता नहीं की
नाज़ुक है डोर रिश्तों की
बात हमेशा अच्छी ही
दिल से कहा कर ए दिल
भूल गया तू बड़ी मिन्नतों
से मिलता है कोई शक्स
तू उसकी खुशी में ही
हमेशा खुश रहा के ए दिल
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✍️ नरेन्द्र मालवीय
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