मै मन हूं
बह जाता हूं अक्सर
रुकता नहीं ठोकर खाकर
क्यू की मै स्वयं चलायमान हूं
मै मन हूं, सर्व शक्तिमान हूं
https://amzn.to/3jihgOO
26%off
कोई रोकता है, गलत है कहकर
और गलत अगर सचमुच गलत है
तो क्या मिला मुझे सही कहकर
मिलता नहीं कुछ,
फिर भी रहता हूं भटकता
दिखता नहीं किसी को,
फिर भी सबकी आंखो मै खटकता
मै मन हूं, उभरता तूफान हू
मै मन हूं, सर्व शक्तिमान
https://amzn.to/3hirtJk
ध्यान लगाकर काबू में आऊ मुश्किल से
आऊं भी तो भटक जाऊं फिर से
क्या आ भी पता हूं कभी काबू में
भ्रम है ये तुम्हारा,
मै हमेशा ही बेकाबू रहा हूं
मै तो मनचला धुआं हूं
कभी यहां कभी वहां रहा हूं
मै ही धरती, मै आसमान हूं
मै मन हूं, सर्व शक्तिमान हूं
✍️ नरेंद्र मालवीय
Comments
Post a Comment
Please comment to encourage my skills