अपना हौसला दुनिया को दिखा दीजिए
एक टूटा सपना तो दूसरा बना लीजिए
एक बार हारने से रुकती नहीं है ज़िन्दगी
लकीर अपने लक कि मेहनत से बना लीजिए
मंजिल उसी को मिली जो निरन्तर चला है
जीवन तो खुश रहने की एक कला है
सोई किस्मत को फिर से जगा लीजिए
एक टूटा सपना तो दूसरा बना लीजिए
जों हार के रुका नहीं उस का होता भला है
जों भटकता है, रास्ता भी उसी को मिला है
अंधेरों को हौसलों से उजाला दीजिए
एक टूटा सपना तो दूसरा बना लीजिए
अपना हौसला दुनिया को दिखा दीजिए
एक टूटा सपना तो दूसरा बना लीजिए
एक बार हारने से रुकती नहीं है ज़िन्दगी
लकीर अपने लक कि मेहनत से बना लीजिए
✍️ नरेन्द्र मालवीय
Itti angry ati kaha se hai sir
ReplyDeleteAwesome lines
ReplyDeleteSir...Aapki likhi panktiya logo ke ho rhe nirash mn ko bhi aasha se prajwalit kr deti hai....😊💐💐💐
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