उम्र चाहे जितनी हो बड़ी,
दिल तो आखिर बच्चा होता है
सच कहा है किसी ने यारों,
जों होता है बड़ा अच्छा होता है
दिल तो दरिया, कभी समन्दर,
कभी लफंगा लुच्चा होता है
सच कहा है किसी ने यारों,
जों होता है बड़ा अच्छा होता है
अपनो की मुस्कान ही है,
सपनों की मुस्कान
फिर भी ना जाने मन में,
क्यूं आ जाता है अभिमान
जरूरी है सभी रिश्ते फिर भी,
रिश्तों का धागा क्यू कच्चा होता है
सच कहा है किसी ने यारों,
जों होता है बड़ा अच्छा होता है
मिले है तो बिछड़ना तय है,
जिए है तो मरना तय है
फिर भी दुख बिछड़ने का,
क्यों मरने का होता भय है
मरते वक़्त तो ठीक है, पर
इंसा तो पैदा होते ही रोता है
सच कहा है किसी ने यारों,
जों होता है बड़ा अच्छा होता है
सोचता था आखिर,
क्युं नहीं दिखती ये हवा
जलता तो दिल भी है, पर इसका
कयुं नहीं उठता धुंआ
कभी कभी जो दिखता है वो भी होता है झूठ
और कभी ना दिखने वाला भी सच्चा होता है
सच कहा है किसी ने यारों,
जों होता है बड़ा अच्छा होता है
✍️ नरेन्द्र मालवीय
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