सीख इन दियों से अंधेरों में जलना तू सीख
छोटी सी ज्योति से, सर्द हवाओं से लड़ना तू सीख
सिर्फ पटाकों का शोर नहीं दिवाली अपनों से मिलना भी है
बैर सारे भूल के साथ साथ चलना तू सिख
गणेश लक्ष्मी सरस्वती संग तीनों पूजे जाते है
विद्या बुद्धि धन सदा हम इनसे ही तो पाते है
सिख उन गुणों को जो राम, सीता, लक्ष्मण में है
सिख उन 14 वर्षो से उन्होंने जो गुजारे वन में है
बरसो के संघर्ष से ही तो आती है एसी दिवाली
रोशनी है चारो तरफ, घर घर में पहुंची खुशहाली
✍️ *नरेंद्र मालवीय*
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