खाली मन तो खाली जीवन फिर खाली सब संसार है..
इस खाली मन के कोने में भी, छुपा कही तो प्यार है..
चंचलता है जिसका गुण, टिकता नही जगह पर वो..
और अगर मन टिक जाये, तो भी जीवन बेकार है..
सुख दुःख दो कोने हे मन के, एक एक करके आते है..
सुख को सब अपनाते हे, पर दुःख से क्यों घबराते है..
सुख में भरे और दुःख में खाली, ये कैसा संसार है...
इस खाली मन के कोने में भी, छुपा कही तो प्यार है..
जो आया हुआ है, आखिर उसको भी तो एक दिन जाना है..
चला गया जो आकर यारों उसके लिए क्या पछताना है..
डर गया जो खालीपन से उसका जीना बेकार है..
इस खाली मन के कोने में भी, छुपा कही तो प्यार है..
............................nrd.................................
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