अटल थे अपने सत्य पे वो, जानता सारा हिन्दुस्तान बसता था जिनके दिल मे आलौकिक कवि महान भूमि के दर्द को जिसने कर दिया था शब्दो से बयान राजनेता, कवि, फिर भारत रत्न का सम्मान २५ दिसम्बर उनके जन्मदिन पर उनको सादर प्रणाम
खाली मन तो खाली जीवन फिर खाली सब संसार है.. इस खाली मन के कोने में भी, छुपा कही तो प्यार है.. चंचलता है जिसका गुण, टिकता नही जगह पर वो.. और अगर मन टिक जाये, तो भी जीवन बेकार है.. सुख दुःख दो कोने हे मन के, एक एक करके आते है.. सुख को सब अपनाते हे, पर दुःख से क्यों घबराते है.. सुख में भरे और दुःख में खाली, ये कैसा संसार है... इस खाली मन के कोने में भी, छुपा कही तो प्यार है.. जो आया हुआ है, आखिर उसको भी तो एक दिन जाना है.. चला गया जो आकर यारों उसके लिए क्या पछताना है.. डर गया जो खालीपन से उसका जीना बेकार है.. इस खाली मन के कोने में भी, छुपा कही तो प्यार है.. ............................nrd.................................