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Showing posts from July, 2020

मुझे तेरी जरूरत थीं (ग़ज़ल)

  ग़ज़ल ना तुझे था दिन में चैन, ना ही मुझे रातों मे नींद थी जैसी तुझे थी उम्मीद मुझसे, मुझे भी तुझसे उम्मीद थी  चाहत थी दिलो में मगर बोलना मुमकिन न हो सका  तकदीर में ना सही, पर दिल में बसी तेरी ही मूरत थी https://amzn.to/39vxuQ4 आगोश में आईं तो फिर इक दफा यूं लगा  तुझे थी मेरी जरूरत मुझे तेरी जरूरत थीं मझधार में आके डूब जाते है लोग अक्सर नज़र जों मिली बीच भंवर में आखो को मिली राहत थी https://amzn.to/307O4Cz अपनो को छोड़ गैरो से भी मिल जाती है खुशियां कि गम ए मौसम में भी मेरी मुस्कुराने की आदत थी ✍️ नरेन्द्र मालवीय

दिखा दो! दुनिया को

अपना हौसला दुनिया को दिखा दीजिए  एक टूटा सपना तो दूसरा बना लीजिए एक बार हारने से रुकती नहीं है ज़िन्दगी लकीर अपने लक कि मेहनत से बना लीजिए https://amzn.to/2EpjUCw मंजिल उसी को मिली जो निरन्तर चला है जीवन तो खुश रहने की एक कला है सोई किस्मत को फिर से जगा लीजिए एक टूटा सपना तो दूसरा बना लीजिए जों हार के रुका नहीं उस का होता भला है जों भटकता है, रास्ता भी उसी को मिला है अंधेरों को हौसलों से उजाला दीजिए एक टूटा सपना तो दूसरा बना लीजिए https://amzn.to/3gb6WpN अपना हौसला दुनिया को दिखा दीजिए एक टूटा सपना तो दूसरा बना लीजिए एक बार हारने से रुकती नहीं है ज़िन्दगी लकीर अपने लक कि मेहनत से बना लीजिए ✍️ नरेन्द्र मालवीय  https://amzn.to/307O4Cz 21% off

क्या उसे फिर मांगोगे? जों पहले से ही तुम्हारा है

फिर से देखो आसमान में, चांद के साथ सितारा है क्या उसे फिर मांगोगे? जों पहले से ही तुम्हारा है मन की आखों से तुम देखो सब कुछ ही हमारा है क्या उसे फिर मांगोगे? जों पहले से ही तुम्हारा है https://amzn.to/2EpjUCw हर माह में एक बार जब अमावस्या आ जाती है काली काली रात अंधेरी आसमान में छाती है धीरे धीरे पूनम तक फिर चांद पुरा खिल जाता है संग सितारों के फिर चंदा आसमान में छाता है फिर से देखो आसमान में, कितना सुंदर नजारा है क्या उसे फिर मांगोगे? जों पहले से ही तुम्हारा है https://amzn.to/39vxuQ4 फूल सदा खिलते आंगन में, पतझड़ में फिर झड़ते है सावन की बौछारों से फिर नए फूल भी खिलते है काली काली घनघोर घटाए आसमान में छाती है पर बारिश की बूंदों से धरती फिर हरी भरी हो जाती है देखो मन की आखों से सबकुछ प्यारा प्यारा है क्या उसे फिर मांगोगे? जों पहले से ही तुम्हारा है ✍️ नरेन्द्र मालवीय

रूप रंग की मलिका

स्वीकार मुझे कर मृगनयनी, हे रूप रंग की मलिका माना मै अदना सा भवरा और तू सुंदर कलिका बदल जाएगा रंग भी मेरा, एक बार भले,पर छूना तू ही मेरा घर - मन्दिर,  तू ही मक्का मदीना तू है गर माथे की बिंदी मै कुमकुम का टीका स्वीकार मुझे कर मृगनयनी, हे रूप रंग की मलिका https://amzn.to/30lXysI   / 44%off खिल जाए मुरझाई कालिया तू जहा से गुजरे बोले जब तू लबो से तेरे फूल ही फूल बिखरे मन्द मन्द मुस्कान मैंने तुझसे ही तो सीखा स्वीकार मुझे कर मृगनयनी, हे रूप रंग की मलिका https://amzn.to/2ZL20SI कर गई तू ऐसा जादू, मन लगता अब कहीं ना अब तो मुश्किल बहोत हो गया तेरे बिना जीना साथ रह कर सीखा दे मुझको जीने का सलीका स्वीकार मुझे कर मृगनयनी, हे रूप रंग की मलिका ✍️ नरेन्द्र मालवीय

कितना बदल गया इंसान

ए इंसा तूने ये क्या कर दिया गुमान ने तुझको इतना बदल दिया भूल गया इंसानी फितरत को मतलब ने तुझे अंधा कर दिया उजाड़ के जंगल को तूने शहर कर दिया उजाड़ के दूसरों का घर खुद का महल कर दिया भूल गया इंसानी फितरत को मतलब ने तुझे अंधा कर दिया https://amzn.to/2CVJ9f5 गुमान था हवा को अपनी आज़ादी पर एक बच्चे ने हवा को मुंह से गुब्बारे में भर दिया गुमान था बादल को के उड़ रहा आसमान में बिजली ने पल भर में उसे पानी कर दिया https://amzn.to/3jwVTJP बदल गई चाहत तेरी बदल है रंगत बदले की चाहत ने ये क्या कर दिया ए इंसा तूने ये क्या कर दिया गुमान ने तुझको इतना बदल दिया ✍️ नरेन्द्र मालवीय

"ज़ायका" तेरे हाथ का

उलझी है तू जहां, दिल मेरा भी वहीं उलझा है 5 स्टार के खाने से ज्यादा तेरे हाथ के खाने में मजा है  गरम गरम गाजर का हलवा  और भजिए करारे  गुजिया, नमकीन और पपड़ी  मुझे पसंद है सारे  https://amzn.to/3hkBEx9 33%off स्वाद तेरे हाथो का मेरी जीभ  को भी पता है  5 स्टार के खाने से ज्यादा तेरे हाथ के खाने में मजा है  मीठे मीठे लड्डू, आलू के साथ मेथी की पुडी रस भरे गुलाब जामुन इन सबसे तेरी यादें जुड़ी  https://amzn.to/2CMIuMC 15%off जहा लगा है दिल तेरा  दिल मेरा भी वहीं लगा है  5 स्टार के खाने से ज्यादा तेरे हाथ के खाने में मजा है  ✍️ नरेन्द्र मालवीय

मै मन हूं!

मै मन हूं  बह जाता हूं अक्सर  रुकता नहीं ठोकर खाकर  क्यू की मै स्वयं चलायमान हूं  मै मन हूं, सर्व शक्तिमान हूं https://amzn.to/3jihgOO    26%off कोई रोकता है, गलत है कहकर  और गलत अगर सचमुच गलत है  तो क्या मिला मुझे सही कहकर मिलता नहीं कुछ, फिर भी रहता हूं भटकता  दिखता नहीं किसी को, फिर भी सबकी आंखो मै खटकता  मै मन हूं, उभरता तूफान हू मै मन हूं, सर्व शक्तिमान https://amzn.to/3hirtJk ध्यान लगाकर काबू में आऊ मुश्किल से  आऊं भी तो भटक जाऊं फिर से  क्या आ भी पता हूं कभी काबू में  भ्रम है ये तुम्हारा,  मै हमेशा ही बेकाबू रहा हूं  मै तो मनचला धुआं हूं कभी यहां कभी वहां रहा हूं  मै ही धरती, मै आसमान हूं  मै मन हूं, सर्व शक्तिमान हूं    ✍️ नरेंद्र मालवीय

ऐ दिल

इम्तिहान समझकर सारे दुख सहा कर ए दिल शख़्सियत महक उठेगी बस खुश रहा कर ए दिल  और देख कोई रूठा तो तकलीफ तेरी भी बढ़ेगी  इसलिए ज्यादा जज्बातों  में ना बहा कर ए दिल  https://amzn.to/2DWFUUZ तुझको पता नहीं की  नाज़ुक है डोर रिश्तों की  बात हमेशा अच्छी ही दिल से कहा कर ए दिल भूल गया तू बड़ी मिन्नतों  से मिलता है कोई  शक्स तू उसकी खुशी में ही हमेशा खुश रहा के ए दिल  https://amzn.to/3hkBEx9 ✍️ नरेन्द्र मालवीय

कृतज्ञ हूं मै

narendra08.blogspot.com          -:*कृतज्ञ हूं मै*:- इस जीवन के लिए कृतज्ञ हूं मै  कृतज्ञ हूं इस जीवन के लिए  धन्य है मेरे माता पिता जिन्होंने ये संस्कार मुझको दिए  कृतज्ञ हूं, हे प्रकृति  ये शुद्ध हवा, जल के लिए  कृतज्ञ हूं मै, है ईश्वर  अनमोल एक एक पल के लिए कृतज्ञ हूं, हे गुरुवर आपसे जों ज्ञान मिला कृतज्ञ हूं, हे अनुज तुमसे जों सम्मान मिला  कृतज्ञ हूं मित्रों  संग सभी का भाया प्रेम से आपके  संकट में लड़ना आया  कृतज्ञ हूं, हे जीवन संगिनी  साथ तुम्हारा पाया  कृतज्ञ हूं दुःख में भी  मुझे हसना सिखाया  कृतज्ञ हूं, बिटिया तुमने जो हमको चुना  जगमगाया तुमसे घर  जो था सूना सूना कृतज्ञता उन सभी के लिए जो है हिस्सा, मेरे जीवन का  आभार है सभी को  दिल से दिल के बन्धन का  ✍️ नरेन्द्र मालवीय 

महानायक

स्वीकार कर हर चुनौती, बनते महानायक है कर्म ज्ञान, धैर्य , अनुशासन सदा सहाय है https://amzn.to/2DM1viO 76% off ना रूक कभी न झुक कभी कठिनाइयों के सामने हौसले, हिम्मत आयेंगे हाथ थामने ना हो निराश, खुद पे विश्वास रख सदा तू आगे बड़ रास्ते खुल जाए सारे, ठान कर तू चले जिधर https://amzn.to/3jidWDc 70% off अनुशासन का वृक्ष सदा बनता फलदायक है स्वीकार कर हर चुनौती, बनते महानायक है ✍️ नरेन्द्र मालवीय

अगले जनम (हम मिलेंगे)

अगले जनम (हम मिलेंगे) कैसी ये मज़बूरी मेरे सनम,  मिल के भी मिल ना पाएंगे हम  करने को पूरी सभी हसरतें  लेना होगा अगला जनम  https://amzn.to/3hbgiSM तेरे बिन जी लेंगे, जी लेंगे इस जनम आंखो में अपने है गहरा समंदर  फिर भी क्यू प्यासा रहा हर एक मंज़र  जाने क्या है तेरे मेरे अंदर  तू मेरी पूजा मै तेरा मंदिर  प्यार ही रब है प्यार ही धरम मिल के भी मिल ना पाएंगे हम https://amzn.to/3eBaLDm तेरे बिन जी लेंगे, जी लेंगे इस जनम उम्मीदों से ही तो, ये दुनिया टिकी  बदली ये दुनिया जब से तू दिखीं  किस्मत में मेरे, तू है ना लिखी  इन्तहां लेती है ये ज़िन्दगी  रहूंगा मै तेरा ही जब तक है दम  मिल के भी मिल ना पाएंगे हम https://amzn.to/2DSYu0l तेरे बिन जी लेंगे, जी लेंगे इस जनम कैसी ये मज़बूरी मेरे सनम,  मिल के भी मिल ना पाएंगे हम  करने को पूरी सभी हसरतें  लेना होगा अगला जनम  https://amzn.to/3hbgiSM तेरे बिन जी लेंगे, जी लेंगे इस जनम ✍️ नरेन्द्र मालवीय

परिवार

बदल के देखो खुद को थोड़ा, अच्छा लगेगा साथ रहो अपनो के थोड़ा , अच्छा लगेगा  फिर लगेगा तुमको तुम भी परिवार का हिस्सा हो क्यूं अपनो से गुस्सा हो तुम क्यूं अपनो से गुस्सा हो  भूल गए तुम खाना मम्मी, तुम्हारे बाद ही खाती थी  खुद उठती थी पहले फिर तुमको उठती थी  पड़ने के लिए पापा तुमको डांट लगाते थे  घूमने जाते थे तो कंधो पे तुम्हे उठाते थे  https://amzn.to/2OGNqWp बैठ के देखो पास थोड़ा, अच्छा लगेगा  साथ रहो अपनो के थोड़ा , अच्छा लगेगा  फिर लगेगा तुमको तुम भी परिवार का हिस्सा हो क्यूं अपनो से गुस्सा हो तुम क्यूं अपनो से गुस्सा हो  https://amzn.to/38YWsXO याद ही होगा तुमको साथ पड़ना साथ झगड़ना  भैया भैया करके साथ जाने की जिद करना  फिर हो जाओ ज़िद्दी थोड़ा अच्छा लगेगा साथ रहो अपनो के थोड़ा , अच्छा लगेगा  फिर लगेगा तुमको तुम भी परिवार का हिस्सा हो क्यूं अपनो से गुस्सा हो तुम क्यूं अपनो से गुस्सा हो  ✍️ नरेंद्र मालवीय 

चारपाई ढूंढ ले।

मुफलिसी में भी जों खुदाई ढूंढ ले कमबख्त वो बुराई में भी अच्छाई ढूंढ ले ऐसे ही नहीं लगती आग दिलो में यारों  हम तो बारिश में भी यार की परछाई ढूंढ ले  https://amzn.to/30b93TV और ढूंढ़ना हो तो उस शक्स को ढूंढो यारों जो तुम्हारे झूठ में भी सच्चाई ढूंढ ले  हमने देखे है कई रंग इस मौसम के  हम तो उसकी बेफफाई में भी वफाई ढूंढ ले  https://amzn.to/3ewqt2k जमा कर रखा है लोगो ने मैल दिलो में  हम प्यार में ही दिलो की  ढूंढ ले  कह गया वो रूबरू हम से हुआ था जब  रहना न होगा साथ, अब तन्हाई ढूंढ ले  थक गया है लहू उसके जुनून में  अब कर आराम चारपाई ढूंढ ले  ✍️ नरेन्द्र मालवीय

पालन हारे।

तुम हो गोविंद पालन हारे। जग को तारे मोहे काहे नहीं तारे।। राह निहारू निस दिन तेरी। आने में श्याम काहे करे देरी।। https://amzn.to/3euzrx4 फूल मुरझाए मथुरा के सारे। जग को तारे मोहे काहे नहीं तारे।। अब काहे नहीं माखन चुराए। काहे नहीं गोपियन को सताए।। अश्रु बहावत नैन हमारे। जग को तारे मोहे काहे नहीं तारे।। https://amzn.to/30bZYKq तुम ही कालिया नाग को तारो। तुम ही दुष्ट कंस को मारो।। आस लगाए हैं भक्त तिहारे। जग को तारे मोहे काहे नहीं तारे।। https://amzn.to/3ftr4TJ तुम हो गोविंद पालन हारे। जग को तारे मोहे काहे नहीं तारे।। ✍️ नरेन्द्र मालवीय

ग़म of failure

मै टकराके तेरे गम से, यूहीं बिखर जाऊं ? पत्ता नहीं हूं पेड़ का, जों आंधियों से गिर जाऊं मै वो चिराग़ हूं, जो तुफ़ान में भी जलता हूं रोशनी देता हुं तेज, जब अंधेरों से घिर जाऊं https://amzn.to/2Zor4yU चिटी जों छोटी सी, चड़ती पहाड़ों पर डूब के तिनका भी आ जाता किनारों पर सपनो से अपने, क्या? यूहीं मुकर जाऊं! पत्ता नहीं हूं पेड़ का, जों आंधियों से गिर जाऊं वेग नदियों सा हिम्मत पहाड़ों सी काली रातों में चमक सितारों सी सेहरा में भी जाके में फूल खिलाऊ पत्ता नहीं हूं पेड़ का, जों आंधियों से गिर जाऊं https://amzn.to/2C7qVXF मै टकराके तेरे गम से, यूहीं बिखर जाऊं ? पत्ता नहीं हूं पेड़ का, जों आंधियों से गिर जाऊं ✍️ नरेंद्र मालवीय 

हौसला बड़ जाता है

शायरी: किसी का छीन गया बचपन किसी की दुनिया रूठ गई बड़ गई का लाखो धड़कने लाखों सांसे टूट गई एक छोटे वायरस से सारी दुनिया हिल गई हम हिम्मत कभी ना हारेंगे, नई दुनिया फिर से सवारेगे क्यूंकि........ गीत: साहस से बेघर चिड़ियों का घोसला बन जाता है जब आती है मुसीबत तो हौसला बड़ जाता है हौसला बड़ जाता है.. हौसला बड़ जाता है.. हौसला बड़ जाता है जब आती है मुसीबत तो हौसला बड़ जाता है https://amzn.to/2W5RIKN छोटे छोटे पैर, जब तिनके तिनके बुनते है साहस से हम अपनी मंजिल की राहें चुनते है साहस से मल्लहार भी तुफां से लड़ जाता है जब आती है मुसीबत तो हौसला बड़ जाता है साहस से बेघर चिड़ियों का घोसला बन जाता है जब आती है मुसीबत तो हौसला बड़ जाता है https://amzn.to/2ZTwvF7 देखो कमल के फूल को जों कीचड़ में ही खिलते है संकट से ही जूझकर हमें नए रास्ते मिलते है बस जाता वो गाव फिर, जों बाढ़ में उजड़ जाता जब आती है मुसीबत तो हौसला बड़ जाता है हौसला बड़ जाता है.. हौसला बड़ जाता है.. हौसला बड़ जाता है जब आती है मुसीबत तो हौसला बड़ जाता है https://amzn.to/2W5RIKN ✍️ नरेन्द्र मालवीय

एहसास

कुछ रास्ते! हाथों में लिए एक-दूसरे का हाथ! कुछ दूरी तक गये थे, हम साथ! हसीन वादियों के वो दिलकश नजारे! आज भी हैं, मेरी आंखों में समाए! कंकड़ भी चुभ जाएं! तो मुझे दर्द का एहसास न होना! वो तेरी प्यारी सी मुस्कान में! मेरा इस कदर खो जाना! अजनबी रास्ते पर भी बेखौफ! तेरे साथ आगे बढ़ी जा रही थी, मैं! क्योंकि तेरे साथ में कुछ अपनापन सा! महसूस कर पा रही थी, मैं! तू अजनबी होकर भी मेरा अपना हैं! शायद इसीलिए! मेरे दिल के एक हिस्से में आज भी! "सिर्फ और सिर्फ तेरा ही नाम गूंजता हैं! सिर्फ और सिर्फ तेरा ही नाम गूंजता हैं!!" –Tanu's Diary....✍️

फिर शुरू हुई कहानी

हो गई फिर कहानी शुरू  क्या करू, कुछ करू या न करू ? मेरे मन की डोर में उलझी वो  जाने कब कैसे वो सुलझेगी  जब मिले, दिल में फूल खिले  खुशबू फिज़ा में बिखरेगी  आ गए हम रूबरू हो गई फिर कहानी शुरू  क्या करू, कुछ करू या न करू ? मेरे सपने है खास - खास  पर नखरे उसके पचास  बिन बादल ही बरसती है  मन में मेरे बसती है  फूल की जैसे खुशबू  हो गई फिर कहानी शुरू  क्या करू, कुछ करू या न करू ? ✍️ नरेंद्र मालवीय  

तुम हो खास

तुम आस हो, विश्वास हो  सच कहें तो दूर होकर भी पास हो तुम करुणा हो, प्रेरणा हो  इसलिए तो खास हो  तुम अविरल हो, निश्चल हो  नदी की तरह बेहती चंचल हो  तुम धूप हो, तुम दीप हो  हमेशा दिल के समीप हो  तुम एक विचार हो, नदी की धार हो जीवन का आधार हो  तुम सौंदर्य हो, तुम ही रूप हो कम नहीं किसी से बहुत खूब हो थोड़ी नौटंकी, हो थोड़ी बदमाश  खुश रहो, ना रहो उदास  सचमुच तुम हो खास  तुम ही आस, तुम ही विश्वास  दूर रह कर भी हो मेरे पास ✍️ नरेन्द मालवीय

"Korona" वरदान है

कई दिनों बाद थोड़ी फुरसत तो मिली अपनों के संग रहने कि हसरत तो मिली  ना दिन का पता होता था ना रात का  वक़्त कहां था अपनो से मुलाकात का  देख नहीं पाते थे घर की छत कभी आज उन्हीं छत पर दुनियादारी से राहत तो मिली कई दिनों बाद थोड़ी फुरसत तो मिली अपनों के संग रहने कि हसरत तो मिली  भूल गए थे होता क्या है चिड़ियों का चेह चहचहाना भूल गए थे परिवार संग हसना ओर हसाना शुद्ध हवा, शुद्ध पानी, मिलीं शाम सुहानी हर सुबह गुनगुनी धूप की चाहत तो मिली    कई दिनों बाद थोड़ी फुरसत तो मिली अपनों के संग रहने कि हसरत तो मिली  कोरॉना अभिशाप है तो वरदान भी है  परेशानी के साथ साथ मुस्कान भी है  ज़िन्दगी ज़िंदादिली का ही नाम है  जितनी मिली ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत मिली. कई दिनों बाद थोड़ी फुरसत तो मिली अपनों के संग रहने कि हसरत तो मिली 

आज कुछ तूफानी करना है

साम, दाम, दंड, भेद, जैसे चाहे लक्ष भेद जी सदा ही वीरो सा, दबा कभी न मन का भेद तुझको आज और आगे बढना है आज कुछ तूफानी करना है मुश्किलों के सामने खून तेरा न हो श्वेत वृक्ष सा हो मन तेरा, होना न कभी तू बेंत दरिया में कमल सा तुझे खिलना है  आज कुछ तूफानी करना है है कठिन तू आगे बढ, कब तलक रहेगी जड़ सींच-सींच उसको सींच उसमे भी लगेगा फल मुस्कुराके फूलों सा खिलना है  आज कुछ तूफानी करना है सोच-सोच रहा क्यूँ सोच, कर-गुजर, अकेला चल दल-दल है आस-पास फिर भी स्वच्छ खिले कमल मुसीबतों से तुझको ही लड़ना है अरे, आज कुछ तूफानी करना है ✍️ नरेन्द्र मालवीय

मन का व्यह्म

जो आया है उसे जाना है जग से, फिर क्यूँ हसते, रोते हम है.. न कोई ख़ुशी, न कोई गम है, ये तो बस मन का व्यह्म है.. https://amzn.to/2VNvDAE निकला जो सूरज डूबेगा ही, अपरिवर्तन से मन उबेगा ही.. परिवर्तन ज़रूरी है मन के लिए, यही प्रक्रति का नियम है.. न कोई ख़ुशी, न कोई गम है, ये तो बस मन का व्यह्म है.. मन के चाहने से, होती कृपा है, मन खफां तो दुनिया खफां है.. मन ही पहुचाए चोट सभी को,  मन ही लगाता मरहम है.. न कोई ख़ुशी, न कोई गम है, ये तो बस मन का व्यह्म है.. https://amzn.to/38ESWC5 मन के हारे हार यहाँ पर, मन के जीते जीत है.. मन से हर रिश्ते नाते, मन के सब मौसम है..  न कोई ख़ुशी, न कोई गम है, ये तो बस मन का व्यह्म है.. ✍️ नरेन्द मालवीय

जो होता है, अच्छा होता है।

उम्र चाहे जितनी हो बड़ी,  दिल तो आखिर बच्चा होता है सच कहा है किसी ने यारों,  जों होता है बड़ा अच्छा होता है दिल तो दरिया, कभी समन्दर,  कभी लफंगा लुच्चा होता है  सच कहा है किसी ने यारों,  जों होता है बड़ा अच्छा होता है https://amzn.to/2NFfcC0 अपनो की मुस्कान ही है, सपनों की मुस्कान  फिर भी ना जाने मन में, क्यूं आ जाता है अभिमान  जरूरी है सभी रिश्ते फिर भी,  रिश्तों का धागा क्यू कच्चा होता है  सच कहा है किसी ने यारों, जों होता है बड़ा अच्छा होता है मिले है तो बिछड़ना तय है, जिए है तो मरना तय है  फिर भी दुख बिछड़ने का,  क्यों मरने का होता भय है मरते वक़्त तो ठीक है, पर  इंसा तो पैदा होते ही रोता है  सच कहा है किसी ने यारों,  जों होता है बड़ा अच्छा होता है https://amzn.to/2VsaMmp सोचता था आखिर,  क्युं नहीं दिखती ये हवा  जलता तो दिल भी है, पर इसका  कयुं नहीं उठता धुंआ कभी कभी जो दिखता है वो भी होता है झूठ  और कभी ना दिखने वाला भी सच्चा होता है  सच कहा है किसी ने यारों,  जों होता है बड़ा अच्छा होता है ✍️ नरेन्द्र मालवीय